रेणुका गौतम
करेंगे सांस्कृतिक, धार्मिक व साहसिक पयर्टन को विकसित
कुल्लू : जनजातीय विकास व तकनिकी शिक्षा मंत्री डाॅ. राम लाल मारकण्डा ने कहा कि लाहौल घाटी अप्रतिम सौंदर्य से परिपूर्ण है। धरती पर ऐसे मनोरम व अद्भुत स्थल किंचित ही देखने को मिलते हैं। उन्होंने कहा कि लाहौल-स्पिति जिला को सांस्कृतिक, धार्मिक व साहसिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। वह शनिवार को जनजातीय भवन कुल्लू में लाहौल घाटी में पर्यटन के विकास की संभावनाओं के संबंध मंे आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
डाॅ. मारकण्डा ने कहा कि अटल टनल रोहतांग लाहौल घाटी के लिए बहुत बड़ा वरदान है जिससेे सम्भवतः निकट भविष्य में घाटी के लोगों की आर्थिकी और जीवनस्तर में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि सुरंग के लोकार्पण के बाद लाहौल घाटी के लिए देशभर से सैलानियों का तांता सा लग गया और घाटी के शांतिप्रिय लोगों को इतनी संख्या में सैलानियों के लिए व्यवस्थाएं करने की कठिनाई सामने आई। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे घाटी के लोग सैलानियों के स्वागत के लिए तथा उन्हें सुविधाएं जुटाने के लिए अपने आप को तैयार कर रहे हैं।
सभी घाटियों को करंेगे विकसित
जनजातीय विकास मंत्री ने कहा कि लाहौल व स्पिति की सभी घाटियां बेहद खूबसूरत हैं। गगनचुंबी पर्बतों पर 12 महीनें बर्फ व ग्लेश्यिरों की मौजूदगी सैलानियों को आकर्षित करती है। उन्होंने कहा कि सिसू, केंलग, दारचा, त्रिलोकनाथ, म्याड़, मिनी मनाली व तिंदी सभी स्थलों में सैलानियों के लिए मूलभूत सुविधाओं का सृजन करके इन्हें विकसित किया जाएगा। जिला में नेटवर्क बेहतर बनाने के लिए 20 टावर स्थापित किए जा रहे हैं। बिजली की बारहमासी आपूर्ति सुनिश्चित बनाने की दिशा में काम जारी है। उन्होंने कहा कि थांगपटन जैसे खूबसूरत गन्तव्य को सड़क से जोड़ा जाएगा। जिला में सड़क, पानी, स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएं जुटाई जा रही हैं।
स्थानीय लोगों को बूम बैरियर से देंगे छूट
जनजातीय विकास मंत्री ने कहा कि आॅन लाईन पंजीकरण के लिए टनल से सिसू में बीच उचित स्थान पर बूम बैरियर की स्थापना की जाएगी। बूम बैरियर से स्थानीय निवासियों को छूट प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि घाटी का वैभव और सौंदर्य बरकरार रहे, इसके लिए 200 रुपये ग्रीन टैक्स लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों पर पार्किंग की समुचित व्यवस्था की जाएगी। हालांकि ग्रीन टैक्स चुकाने वालों के लिए यह पार्किग निःशुल्क रहेगी।
उन्होंने कहा कि घाटी के पर्यटन स्थलों पर कचरा न फैले, इसके लिए सैलानियों को जूट बैग प्रदान किए जाएंगे और इनमें क्या करें, और क्या न करें पर प्रचार सामग्री भी उन्हें उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि पर्यटक नियमों का पालन करें और क्षेत्र के पर्यावर्ण को स्वस्थ रखने में सहयोग कर सकें। सैलानी इन्हीं बैगों में कचरा रखेंगे और एक निर्धारित स्थल पर इसका निस्तांतरण करने की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि सिसू में प्री-फैब्रिकेटिड 12 शौचालयों की सुविधा का सृजन किया जाएगा। सैलानियों व आम लोगों के लिए मेडिकल सहायता केन्द्र भी सिसू में ही स्थापित किया जाएगा।
हाईमास्ट लाईटों से जगमगाएंगे लाहौल के पर्यटन स्थल
डाॅ. मारकण्डा ने कहा कि नार्थ पोर्टल, सिसू, त्रिलोकनाथ, उदयपुर व कंेलग जैसे प्रमुख गंतव्यों पर हाईमास्ट लाईटों की स्थापना की जाएगी। इससे सैलानियों को रात्रि के साथ आस-पास के क्षेत्रों व पगडडिंयों का भ्रमण करते समय आवाजाही की बेहतर सुविधा प्रदान होगी। उन्होंने कहा कि जिला के अनेक स्थलों पर सीसीटीवी लगाए जाएंगे और इस प्रकार लाहौल स्पिति राज्य का पहला ऐसा जिला बनेगा जहां पर्यटन गंतव्य तीसरी आंख की निगरानी में होंगे।
कचरा निस्तांरण की करेंगे उपयुक्त व्यवस्था
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि सैलानियों की बड़ी आमद को देखते हुए कचरा फैलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके निस्तांतरण की उपयुक्त व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि कचरे के बेहतर प्रबंधन के लिए उदयपुर, केंलग व दारचा से तीन वाहनों से कचरा सिसू में लाया जाएगा जहां से इसे एसीसी कंपनी बरमाणा पहुंचाया जाएगा। कंपनी के साथ इसका ठेका किया जाएगा।
घाटी में स्नो फेस्टिवल की रही धूम, राष्ट्रीय स्तर पर संदेश
डाॅ. मारकण्डा ने कहा कि बिना सरकारी खर्चे के लाहौल-स्पिति घाटी में स्नो फेस्टिवल की धूम रही। ये उत्सव जिला के विभिन्न गांवों में मनाए गए। उत्सवों में घाटी के नैसर्गिक सौंदर्य, यहां की समृद्ध संस्कृति, पारम्परिक परिधान व अनूठे व्यंजनों व लोक परम्पराओं का बखूबी प्रदर्शन किया गया, जिसका संदेश राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचा। उन्होंने कहा कि स्नो फेस्टिवल का उद्देश्य यहां की संस्कृति का बखान करना तथा क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से मशहूर करना है। उन्होंने कहा कि फेस्टिवल के दौरान जनजातीय संस्कृति से विलुप्त हो रही कुछ चीजों का विशेष तौर पर दर्शाया गया और भावी पीढ़ी को इसका संदेश काफी प्रभावी नजर आया। उन्होंने कहा कि घाटी की समृद्ध संस्कृति को बचाने के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं क्योंकि यहां की संस्कृति देश के अन्य क्षेत्रों से भिन्न और समृद्ध व सम्पन्न है। घाटी के लगभग सभी लोग स्नो फेस्टिवल के भागीदारी बनें।
सैलानियों के लिए आकर्षण बनेंगे होम स्टे
जनजातीय विकास मंत्री ने कहा कि घाटी में सैलानियों की ठहरने की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए होम स्टे योजना को प्रोत्साहन प्रदान किया जा रहा है। जिला में केवल 71 होम स्टे थे जो कुछ महीनों में बढ़कर 500 हो गए हैं और लोग होम स्टे के पंजीकरण में रूचि ले रहे हैं। इससे लोगों की आमदनी बढ़ेगी और सैलानियों के लिए ठहरने की उचित व्यवस्था भी होगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय व्यंजनों को सैलानी बहुत पसंद करते हैं और ऐसे अनुपम व्यंजन दूसरी जगहों पर देखने को नहीं मिलते हैं। होम स्टे में रूकने वाले पर्यटकों के लिए यह एक अतिरिक्त उपहार स्वरूप होगा। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक लोगों को स्थानीय उत्पादों के स्वादिष्ट व्यंजन बनाने का प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।
डाॅ. मारकण्डा ने कहा कि घाटी में प्रतिदिन 40 हजार से ज्यादा सैलानियों के आने का अनुमान है। इनके लिए सुविधाओं का सृजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिसु में पर्यटन सुविधा केन्द्र की स्थापना की जाएगी। तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि पांच पाॅलीटैक्निकल में बी.फार्मा की कक्षाएं आरंभ की जाएंगी।
उपायुक्त पंकज राय व पुलिस अधीक्षक मानव वर्मा ने बैठक में जिला सैलानियों के लिए सुविधाओं के सृजन के लिए किए जा रहे कार्यों व कानून व व्यवस्था पर चर्चा की। होटल एसोसियेशन मनाली के प्रधान अनूप ठाकुर तथा लाहौल के प्रधान वीर सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
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